भारत के गगनयान, समुद्रयान और चंद्रयान-4 मिशन की समय-सीमा घोषित

Sneha Kumari

Khabarnama Desk : भारत सरकार ने तीन महत्वपूर्ण वैज्ञानिक मिशनों, गगनयान, समुद्रयान और चंद्रयान-4 के लॉन्च की समय-सीमा की घोषणा कर दी है। विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री जितेंद्र सिंह ने बताया कि इन मिशनों के लॉन्च की योजना 2026 और 2027 के बीच है।

गगनयान मिशन: भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों की उड़ान

गगनयान मिशन का मुख्य उद्देश्य भारतीयों को लो-अर्थ ऑर्बिट (पृथ्वी की निचली कक्षा) में भेजना और सुरक्षित रूप से वापस लाना है। इस मिशन के तहत पहला मानव रहित मिशन इस साल लॉन्च किया जाएगा, जिसमें व्योममित्र नामक रोबोट को भेजा जाएगा। इसके बाद, मानवयुक्त गगनयान मिशन 2026 में भेजा जाएगा। इसके अलावा, तीसरे लॉन्च पैड का निर्माण और छोटे सैटेलाइट्स के लिए नया लॉन्च स्टेशन बनाने की योजना है।

समुद्रयान मिशन: महासागर की गहराई में खोज

समुद्रयान मिशन 2026 में लॉन्च किया जाएगा, जिसका उद्देश्य 6,000 मीटर गहरी समुद्र की गहराई में तीन वैज्ञानिकों को भेजना है। इस मिशन का लक्ष्य महासागर में दुलर्भ खनिज, कीमती धातु, और नई जैव विविधता की खोज करना है। यह मिशन भारत की आर्थिक वृद्धि और पर्यावरणीय संतुलन में महत्वपूर्ण योगदान देगा और महासागर विज्ञान के क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि साबित होगा।

चंद्रयान-4 मिशन: चांद से सैंपल लाना

चंद्रयान-4 मिशन 2027 में लॉन्च किया जाएगा, जिसका मुख्य उद्देश्य चंद्रमा की सतह से सैंपल इकट्ठा करना और उन्हें पृथ्वी पर लाना है। यह मिशन दो LVM-3 रॉकेट के जरिए लॉन्च होगा और इसमें पांच अलग-अलग मॉड्यूल होंगे। इससे पहले, भारत के चंद्रयान-1 और चंद्रयान-2 मिशन ने चंद्रमा की सतह और वातावरण का अध्ययन किया था, जबकि चंद्रयान-3 ने चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सफलतापूर्वक लैंडिंग की थी। चंद्रयान-4 भारत को पहली बार चांद से सैंपल लाने में सक्षम बनाएगा।

इन मिशनों से भारत को अंतरिक्ष, महासागर और चंद्र विज्ञान में नई ऊंचाइयों तक पहुंचने का मौका मिलेगा। इन परियोजनाओं के माध्यम से भारत का विज्ञान और प्रौद्योगिकी क्षेत्र और भी मजबूत होगा और वैश्विक स्तर पर भारतीय वैज्ञानिक उपलब्धियों को मान्यता मिलेगी।

 

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