राजधानी में सरहुल महोत्सव की धूम, तैयारियां जोरों पर

Sneha Kumari

Khabarnama Desk : राजधानी में प्रकृति पर्व सरहुल महोत्सव की तैयारियां बड़े हर्षोल्लास के साथ शुरू हो चुकी हैं। इस महोत्सव के आगमन से पहले फांसी टुंगरी पहाड़ी मंदिर पर पारंपरिक सरना झंडा बदली कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में सैकड़ों सरना धर्मावलंबियों ने भाग लिया। ढोल-नगाड़ों की गूंज के बीच पूरी विधि-विधान से पूजा-अर्चना की गई।

केंद्रीय सरना समिति के अध्यक्ष अजय तिर्की की अगुवाई में भारी संख्या में सरना धर्मावलंबी पूजा स्थल पर एकत्र हुए। पहाड़ की चोटी पर पाहन ने विधिवत पूजा की और मानव कल्याण, जीव-जंतुओं, नदियों, पहाड़ों और प्रकृति की समृद्धि व शांति की कामना की। अजय तिर्की ने कहा कि फांसी टुंगरी पूर्वजों का पवित्र पूजा स्थल है, जहां पहले स्व बुधवा पाहन अनुष्ठान करते थे। उन्होंने सरना धर्म कोड की मांग करते हुए कहा कि इससे आदिवासी समाज को उनकी धार्मिक पहचान मिलेगी।

राजेश लिंडा, प्रदेश सरना धर्मगुरु ने सरहुल पर्व के दौरान नशा-पान से दूर रहने की अपील की और अपने आंगन में सरना झंडा स्थापित करने की बात कही। महासचिव रूपचंद तिर्की ने आदिवासी समाज से अपनी संस्कृति, रीति-रिवाज और पारंपरिक पूजा-पद्धति को अपनाने पर जोर दिया।

नीरज मुंडा, अध्यक्ष राजीव पड़हा सरना प्रार्थना सभा ने कहा कि फांसी टुंगरी सदियों से सरना धर्म का महत्वपूर्ण पूजा स्थल रहा है। इस कार्यक्रम में कई धार्मिक और सामाजिक संगठनों के सदस्य शामिल हुए और उत्साह के साथ इस आयोजन को सफल बनाया।

सरहुल महोत्सव की तैयारियों में भाग लेने वाले कई प्रमुख सदस्य जैसे नीरज मुंडा, रवि मुंडा, गोंदरा उंराव, पवन तिर्की, और अन्य ने इस पारंपरिक कार्यक्रम को और भी भव्य बनाने के लिए सहयोग किया।

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