Khabarnama desk : देशभर में तापमान में लगातार वृद्धि हो रही है, जिससे इस साल रिकार्ड गर्मी पड़ने की संभावना जताई जा रही है। मौसम विभाग के अनुसार, इस साल गर्मी पिछले साल की तुलना में अधिक होगी और लू के लंबे समय तक चलने के आसार हैं। इसका प्रमुख कारण जलवायु परिवर्तन है, जिसके चलते ठंडक पहुंचाने वाला ला नीना अपना असर खो रहा है।
2024 को पिछले 125 सालों का सबसे गर्म वर्ष माना गया था, और मार्च के शुरुआती दिनों में ही ओडिशा, केरल, मुंबई और उसके आसपास के इलाकों में लू की चेतावनी जारी की गई है। मौसम विभाग का अनुमान है कि इस बार बेंगलुरु दिल्ली की तुलना में अधिक गर्म रहेगा।
जलवायु परिवर्तन का असर देश के पहाड़ी क्षेत्रों में भी दिखने लगा है। हाल ही में उत्तराखंड के माणा में हिमस्खलन की घटना में करीब 55 लोग दब गए, जिनमें से कुछ को बचाया नहीं जा सका। इस तरह की घटनाएं जलवायु परिवर्तन के कारण बढ़ रही हैं, क्योंकि उच्च हिमालय में गिरी बर्फ जल्दी नहीं टिक पाती।
इस बढ़ते तापमान और हिमस्खलन जैसी घटनाओं के पीछे पृथ्वी का बढ़ता तापमान और मानवीय गतिविधियां हैं। औद्योगिक क्रांति के बाद ऊर्जा उपयोग में भारी वृद्धि हुई, जिससे कार्बन डाइऑक्साइड और मीथेन जैसी ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन बढ़ा है। 2024 में कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन 37.41 गीगाटन तक पहुंचने का अनुमान है, जिससे जलवायु संकट और गहरा सकता है।
यदि हम जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए शीघ्र कदम नहीं उठाते, तो भविष्य में स्थिति और भी गंभीर हो सकती है।