Khabarnama Desk : माह-ए-रमजान का चांद शनिवार को नजर आ गया, जिसके बाद रविवार से पहला रोजा रखा जा रहा है। चांद का दीदार होते ही मस्जिदों में तरावीह की नमाज अदा की गई, और लोगों ने एक-दूसरे को रमजान की मुबारकबाद दी। बाजारों में भी चहल-पहल देखने को मिली, जहां सहरी और इफ्तार की तैयारियों के लिए लोग खरीदारी करते नजर आए।
पहला रोजा 13 घंटे 7 मिनट का, अंतिम रोजा 13 घंटे 50 मिनट का होगा
जामा मस्जिद के इमाम सईदुल्लाह कादिरी ने रविवार से रोजा रखने का ऐलान किया।
– पहला रोजा करीब 13 घंटे 7 मिनट का रहेगा।
– अंतिम रोजा 13 घंटे 50 मिनट का होगा।
लोगों ने रमजान की तैयारियों के तहत घर की सफाई की, पाक कुरान की तिलावत शुरू की और मस्जिदों में तरावीह की नमाज पढ़ने के लिए पहुंचे।
बाजारों में बढ़ी रौनक, सहरी और इफ्तार की सामग्रियों की खरीदारी बढ़ी
रमजान शुरू होने के साथ ही बाजारों में रौनक देखने को मिल रही है।
– सहरी के लिए दूध, ब्रेड, फैनी, सेवई और सूखे मेवे की मांग बढ़ गई है।
– इफ्तार के लिए खजूर, चने की घुघनी, पकौड़े, फल और जूस की खरीदारी हो रही है।
– बाजारों में खजूर की कई वैरायटी उपलब्ध हैं, जिसे रमजान में अफजल (पवित्र) माना जाता है।
सहरी और इफ्तार में क्या खाएं, क्या नहीं?
सहरी में खाएं:
– दूध, ब्रेड, फल और हल्का खाना फायदेमंद होता है।
– प्रोटीन युक्त आहार लें ताकि दिनभर ऊर्जा बनी रहे।
– ज्यादा तला-भुना और मसालेदार खाना खाने से बचें, क्योंकि इससे प्यास ज्यादा लग सकती है।
इफ्तार में खाएं:
– खजूर, केला, दही और फल से इफ्तार करें।
– हल्का और पोषक तत्वों से भरपूर खाना खाएं।
– बहुत ज्यादा तला-भुना और मीठा खाने से बचें, क्योंकि इससे शरीर में पानी की कमी हो सकती है।
सहरी और इफ्तार का समय
– पहले रोजे की सहरी सुबह 4:52 बजे तक
– पहले रोजे का इफ्तार: शाम 5:59 बजे
इसी तरह, अंतिम रोजे की सहरी और इफ्तार का समय भी निर्धारित किया गया है।
रमजान: इबादत और सब्र का महीना
रमजान इस्लाम धर्म में सब्र, इबादत और नेकी करने का पाक महीना माना जाता है। रोजेदारों को नमाज, कुरान की तिलावत और जरूरतमंदों की मदद करने की सीख दी जाती है। इस महीने में हर नेक काम का सवाब (पुण्य) बढ़ा दिया जाता है।
रोजेदारों को सहरी 10 मिनट पहले खत्म करने और इफ्तार के लिए 2 मिनट इंतजार करने की सलाह दी जाती है।