झारखंड, बंगाल और ओडिशा में 100 स्थानों पर रेल रोको आंदोलन का ऐलान, जानिए क्यों

Sneha Kumari

रांची: कुर्मी/कुड़मी को अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मांग को लेकर एक बार फिर बड़ा आंदोलन शुरू होने जा रहा है। झारखंड, पश्चिम बंगाल और ओडिशा में 20 सितंबर से रेल रोको आंदोलन किया जाएगा, जिसके तहत 100 स्टेशनों पर रेल परिचालन ठप रहेगा। यह निर्णय शुक्रवार को पश्चिम बंगाल के मुरगुमा में आदिवासी कुड़मी समाज की बैठक में लिया गया।

कुड़मियों की अनदेखी पर बड़ा आंदोलन – अजीत प्रसाद

आदिवासी कुड़मी समाज के मुख्य संरक्षक अजीत प्रसाद महतो ने महासम्मेलन में कहा कि समाज ने अपनी मांगों को लेकर संवैधानिक प्रक्रियाओं का पालन किया है, लेकिन सरकार गंभीर नहीं दिख रही। उन्होंने चेतावनी दी कि 20 सितंबर का आंदोलन इतना व्यापक होगा कि दिल्ली और राज्य सरकारों को कुड़मियों की ताकत का अहसास होगा।

बैठक में ये प्रस्ताव पारित हुए:
2025 की जनगणना में बदलाव – मातृभाषा के रूप में ‘कुड़माली’, जाति के रूप में ‘कुड़मी’ और धर्म के रूप में ‘आदिवासी धर्म’ दर्ज कराया जाएगा।
जाति आधारित जनगणना न होने पर इसका विरोध किया जाएगा।
परंपरागत आदिवासी रीति-रिवाजों के साथ जन्म, विवाह और अन्य धार्मिक अनुष्ठान संपन्न किए जाएंगे।
दहेज प्रथा पर सख्ती दहेज लेने वालों का सामाजिक बहिष्कार किया जाएगा।
राजनीतिक दबाव कुड़मियों की मांगों को विधानसभा और संसद में नहीं उठाने वाले विधायकों और सांसदों का विरोध किया जाएगा।

आंदोलन में हजारों कुड़मी होंगे शामिल
इस महत्वपूर्ण बैठक में केंद्रीय अध्यक्ष शशांक शेखर महतो, डॉ. सुजीत कुमार महतो, छोटेलाल महतो, बसंत महंत, शशधर कडुआर, सुनील कुमार महतो, संजय महतो, रासबिहारी महतो, साधन महतो समेत झारखंड, बंगाल और ओडिशा से हजारों कुड़मी समाज के लोग उपस्थित थे।

सरकार पर दबाव बनाने की रणनीति तैयार
कुड़मी समाज ने साफ कर दिया है कि अब आर-पार की लड़ाई होगी। रेल रोको आंदोलन के जरिए सरकार पर दबाव बनाया जाएगा, ताकि कुड़मियों को एसटी का दर्जा जल्द से जल्द मिले। यदि मांगें पूरी नहीं हुईं, तो आंदोलन और तेज किया जाएगा।

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