Khabarnama Desk : झारखंड हाईकोर्ट एडवोकेट एसोसिएशन की बुधवार को आयोजित आमसभा में राज्य के अधिवक्ताओं ने हाईकोर्ट के न्यायाधीशों के रूप में बाहरी व्यक्तियों की नियुक्ति का कड़ा विरोध किया। एसोसिएशन ने कॉलेजियम से झारखंड के अधिवक्ताओं के नाम न्यायाधीश के रूप में भेजने की मांग की। एसोसिएशन के सदस्य कॉलेजियम के वर्तमान रुख से असंतुष्ट थे और इसे लेकर अपनी चिंताएं जाहिर कीं।
आमसभा में यह निर्णय लिया गया कि 6 मार्च से झारखंड HC के कोर्ट नंबर-1 (चीफ जस्टिस), कोर्ट नंबर-3 (जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद) और कोर्ट नंबर-4 (जस्टिस रंगन मुखोपाध्याय) की अदालती कार्यवाही में भाग लेने से परहेज किया जाएगा। एसोसिएशन ने यह भी स्पष्ट किया कि विरोध करनेवाले अधिवक्ताओं की सदस्यता समाप्त कर दी जाएगी।
इसके अतिरिक्त, एसोसिएशन ने एक प्रतिनिधिमंडल का गठन करने का फैसला किया, जो दिल्ली जाकर बार काउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष से सहायता प्राप्त करेगा और केंद्रीय कानून मंत्री, भारत के मुख्य न्यायाधीश, तथा सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम के सदस्यों से मिलकर न्यायिक नियुक्तियों को लेकर एसोसिएशन की चिंताओं को उठाएगा।
अंत में, एसोसिएशन ने 10 मार्च को सुबह 10:15 बजे हाईकोर्ट के एस्केलेटर के पास एक और बैठक बुलाने का निर्णय लिया, जिसमें आगे की रणनीति तय की जाएगी। इस प्रस्ताव को लगभग 400 सदस्यों ने सर्वसम्मति से पारित किया और अभियान चलाकर हस्ताक्षर किए गए।