Khabarnama desk : झारखंड में प्राइवेट स्कूलों के शुल्क निर्धारण के लिए अब विद्यालय और जिला स्तर पर कमेटियां बनाई जाएंगी। इस संबंध में स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग के सचिव उमाशंकर सिंह ने सभी आयुक्त और उपायुक्त को एक पत्र भेजा है। पत्र में कहा गया है कि झारखंड शिक्षा न्यायाधिकरण (संशोधन) अधिनियम 2017 के तहत जिलों में शुल्क निर्धारण के लिए कमेटियां गठित की जाएं। इन कमेटियों को 15 दिनों के भीतर गठित करने का निर्देश दिया गया है।
अधिनियम के अनुसार, प्रत्येक विद्यालय में शुल्क समिति का गठन किया जाएगा, जो शुल्क बढ़ोतरी के कारणों पर विचार करेगी। इनमें शिक्षा की गुणवत्ता, छात्रों को मिलने वाली सुविधाएं, विद्यालय का प्रशासनिक खर्च, शिक्षक व कर्मचारियों का वेतन, और अन्य आवश्यक खर्चों पर विचार किया जाएगा। इसके बाद, प्रस्तावित शुल्क की संरचना को 30 दिन के अंदर मंजूरी दी जाएगी।
विद्यालय स्तर की कमेटी में बच्चों के अभिभावक, शिक्षक और विद्यालय प्रबंधन के प्रतिनिधि शामिल होंगे। यदि विद्यालय समिति शुल्क निर्धारण में विफल रहती है, तो यह प्रस्ताव जिलास्तरीय कमेटी के पास भेजा जाएगा। जिलास्तरीय कमेटी में उपायुक्त की अध्यक्षता में शिक्षा पदाधिकारी, प्राचार्य, सांसद, विधायक, अभिभावक और चार्टर्ड एकाउंटेंट सदस्य होंगे। यदि विद्यालय इस निर्णय से संतुष्ट नहीं है, तो वे प्रमंडलीय आयुक्त के पास अपील कर सकते हैं।