फिल्म अभिनेत्री ममता कुलकर्णी को किन्नर अखाड़े से एक बड़ा झटका लगा है। किन्नर अखाड़े के संस्थापक ऋषि अजय दास ने ममता को अखाड़े से निष्कासित कर दिया है और साथ ही आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी पर भी आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि त्रिपाठी ने बिना उनकी अनुमति के ममता कुलकर्णी को किन्नर अखाड़े में शामिल किया और उन्हें महामंडलेश्वर की उपाधि दी, जो कि अखाड़े की परंपराओं के खिलाफ था।
ऋषि अजय दास ने एक पत्र जारी कर आचार्य त्रिपाठी को किन्नर अखाड़े के पद से मुक्त करने की घोषणा की। उन्होंने आरोप लगाया कि त्रिपाठी ने 2019 के प्रयागराज कुंभ में जूना अखाड़े के साथ अनुबंध किया, जो बिना संस्थापक की अनुमति के था और इस अनुबंध को कानूनी रूप से अवैध बताया। इसके अलावा, उन्होंने ममता को महामंडलेश्वर की उपाधि देने का निर्णय भी गलत बताया, क्योंकि ममता एक फिल्मी ग्लैमर से जुड़ी अभिनेत्री हैं और उन पर देशद्रोह का आरोप है।
अजय दास ने यह भी कहा कि त्रिपाठी और उनके अनुयायी किन्नर अखाड़े के सिद्धांतों से भटक गए हैं। किन्नर अखाड़े के गठन के साथ एक वैजन्ती माला धारण करने की परंपरा थी, जो श्रृंगार का प्रतीक थी, लेकिन त्रिपाठी और उनके समर्थकों ने रुद्राक्ष की माला धारण की, जो संन्यास का प्रतीक है। इस बदलाव को उन्होंने सनातन धर्म और किन्नर समाज के सिद्धांतों से दूर जाकर किया गया छलावा करार दिया।
ऋषि अजय दास ने कहा कि अब उन्हें यह कदम उठाना पड़ा क्योंकि आचार्य लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी और ममता कुलकर्णी ने धर्म और समाज के हित के खिलाफ काम किया है। इस मामले को उन्होंने जनहित और धर्महित में उठाया, ताकि समाज को सच्चाई का पता चल सके।
Rishi Ajay Das, founder of Kinnar Akhara, expels Mamta Kulkarni from the Akhara. He has also expelled Mahamandaleshwar Laxminarayan Tripathi from the Kinnar Akhara for inducting Mamta Kulkarni, who is accused of treason, to the Akhara and designating her as Mahamandaleshwar… pic.twitter.com/Hhzezst49r
— ANI (@ANI) January 31, 2025