Khabarnama Desk : झारखंड राज्य के सरकारी कर्मियों के लिए मार्च 2025 से एक बड़ी खबर सामने आई है। राज्य सरकार ने चिकित्सा भत्ते में कटौती का फैसला लिया है, जो कर्मियों के लिए एक अप्रिय बदलाव हो सकता है। वर्तमान में राज्य सरकार के सभी कर्मियों को प्रति माह 1000 रुपये का चिकित्सा भत्ता मिलता है, लेकिन अब इसे घटाकर 500 रुपये प्रति माह किया जाएगा। यह बदलाव राज्य कर्मियों को दी जाने वाली स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत किया जा रहा है, जिसके तहत कर्मियों से प्रतिमाह 500 रुपये की प्रीमियम की कटौती की जाएगी।
इससे पहले राज्य कर्मियों को 1000 रुपये चिकित्सा भत्ता के रूप में मिलता था, लेकिन अब यह राशि आधी होकर 500 रुपये हो जाएगी। 500 रुपये की कटौती प्रतिमाह वेतन से की जाएगी, जो सालाना 6000 रुपये के बराबर होगी। यह बदलाव मार्च 2025 से लागू होगा और वित्त सचिव प्रशांत कुमार ने सभी विभागीय सचिवों, आयुक्तों, उपायुक्तों को पत्र लिखकर वेतन विपत्र में 500 रुपये की कटौती करने का निर्देश दिया है।
इस योजना का उद्देश्य राज्य के वित्तीय दबाव को कम करना है। राज्य सरकार के अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि विभिन्न नई योजनाओं और कार्यक्रमों के कारण राज्य के राजकोष पर अतिरिक्त बोझ पड़ रहा है, जिससे यह कदम उठाया गया है। इसके अतिरिक्त, राज्य कर्मियों को अब बच्चों की पढ़ाई के लिए मिलने वाला शिक्षा भत्ता भी बंद कर दिया जाएगा।
इस फैसले का असर झारखंड के सरकारी कर्मचारियों पर सीधे पड़ेगा, क्योंकि उन्हें अब चिकित्सा भत्ते और शिक्षा भत्ते में कमी का सामना करना पड़ेगा। यह निर्णय कर्मचारियों के लिए वित्तीय कठिनाई उत्पन्न कर सकता है, क्योंकि चिकित्सा भत्ता और शिक्षा भत्ता इनकी सामान्य जीवनशैली के महत्वपूर्ण हिस्से होते हैं।
इस बदलाव का विरोध भी हो सकता है, क्योंकि सरकारी कर्मी यह महसूस कर सकते हैं कि उनकी कठिनाइयों को कम करने के बजाय सरकार द्वारा उनके भत्तों में कमी की जा रही है। हालांकि, सरकार का तर्क यह है कि इस कदम से राज्य की वित्तीय स्थिति में सुधार लाने में मदद मिलेगी और नए योजनाओं के तहत अतिरिक्त खर्च को नियंत्रित किया जा सकेगा।