जामताड़ा: ससुराल से साइबर ठगी का पर्दाफाश

Nisha Kumari

Khabarnama desk: जामताड़ा का नाम अक्सर साइबर अपराध के मामलों में सुना जाता है। हाल ही में, यहां एक ऐसा मामला सामने आया, जिसने लोगों को चौंका दिया।
जामताड़ा के साइबर थाना पुलिस ने शुक्रवार को दो साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया। इनमें से एक, ताहिर अंसारी, अपनी ससुराल में रहकर ठगी को अंजाम दे रहा था। पुलिस ने उसके ठिकाने पर छापा मारकर 16 मोबाइल फोन, 28 सिम कार्ड और एक लैपटॉप बरामद किया। ताहिर के साथ मुजाहिद अंसारी नाम का एक और आरोपी पकड़ा गया।

कैसे करते थे ठगी?

पुलिस जांच में पता चला कि ये अपराधी बड़ी चालाकी से लोगों को फंसाते थे। वे इंटरनेट पर ई-कॉमर्स कंपनियों के कस्टमर केयर नंबर बदलकर अपने फर्जी नंबर डाल देते थे। जब कोई ग्राहक इन नंबरों पर कॉल करता, तो ये ठग उनसे ऐप्स जैसे क्विक सपोर्ट या एनीडेस्क डाउनलोड करवाते। ये ऐप्स अपराधियों को ग्राहक के फोन तक एक्सेस देते। फिर वे 1-2 रुपये के छोटे लेन-देन के बहाने बैंक अकाउंट की पूरी जानकारी चुरा लेते और खाते खाली कर देते थे।

सूचना मिलने पर पुलिस ने करमाटांड़ थाना क्षेत्र के सिंदरजोड़ी और नावाडीह गांव में छापेमारी की। ताहिर अंसारी, जो दुमका जिले के मसलिया थाना क्षेत्र का निवासी है, अपनी ससुराल से ठगी कर रहा था। पुलिस ने उसे रंगे हाथों पकड़ा। साथ ही, उसके साथी मुजाहिद अंसारी को भी गिरफ्तार कर लिया।

महत्वपूर्ण सबूत मिले

पुलिस ने इन अपराधियों से ठगी में इस्तेमाल किए गए उपकरण और सिम कार्ड जब्त किए। प्रशिक्षु डीएसपी चंद्रशेखर ने बताया कि ये अपराधी बेहद शातिर थे और योजनाबद्ध तरीके से काम कर रहे थे।

पुलिस ने कहा कि ऐसे अपराधियों पर सख्त कार्रवाई जारी रहेगी। साइबर अपराध रोकने के लिए जागरूकता और सतर्कता जरूरी है। इस घटना ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि साइबर सुरक्षा पर ध्यान देना बेहद महत्वपूर्ण है।

महत्वपूर्ण सूचना

इस तरह की घटनाओं से बचने के लिए किसी भी अनजान नंबर पर बैंक डिटेल साझा न करें और किसी संदिग्ध ऐप को डाउनलोड करने से पहले उसकी जांच जरूर करें।

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