Khabarnama Desk : संगम नगरी प्रयागराज में महाकुंभ 2025 का आयोजन पूरे भव्यता और धूमधाम के साथ चल रहा है। इस पवित्र आयोजन में अब तक 9 करोड़ से अधिक श्रद्धालु त्रिवेणी संगम में डुबकी लगा चुके हैं। महाकुंभ हर 12 साल में एक बार होता है और इसे भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिकता का अद्वितीय प्रतीक माना जाता है।
ISRO ने किया आयोजन का अद्भुत अवलोकन
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने अपने EOS-04 (RISAT-1A) सैटेलाइट के जरिए महाकुंभ की अनोखी झलकें कैद की हैं। इन तस्वीरों को हैदराबाद स्थित नेशनल रिमोट सेंसिंग सेंटर (NRSC) ने जारी किया। अंतरिक्ष से ली गई ये तस्वीरें त्रिवेणी संगम के पास बने विशाल बुनियादी ढांचे और टेंट सिटी की भव्यता को दर्शाती हैं।
#ISRO‘s EOS-04 satellite captured detailed images of the ongoing #MahaKumbhMela2025 in #Prayagraj.
The images reveal extensive infrastructure like tent cities and pontoon bridges.
Details 🔗 https://t.co/UP3hzU5FVY#MahaKumbh pic.twitter.com/dMlKHDmaj7
— The Times Of India (@timesofindia) January 22, 2025
सैटेलाइट तस्वीरों में बुनियादी ढांचे की झलक
ISRO की तस्वीरों में पीपा पुल, सहायक सड़कें और संगम के पास फैले टेंट सिटी के विवरण साफ नजर आते हैं। ये तस्वीरें महाकुंभ मेला क्षेत्र के विस्तार और बदलते स्वरूप को भी दिखाती हैं।
वैश्विक मंच पर भारतीय संस्कृति की छवि
ISRO की टाइम सीरीज़ तस्वीरों ने मेले की तैयारियों के दौरान हुए बदलावों को भी दिखाया है। इन तस्वीरों से महाकुंभ की भव्यता और महत्व को वैश्विक स्तर पर प्रदर्शित करने में मदद मिल रही है।
आध्यात्म और संस्कृति का संगम
महाकुंभ 2025 न केवल एक धार्मिक आयोजन है बल्कि भारतीय संस्कृति, आध्यात्मिकता और परंपराओं का अद्वितीय संगम है। इस आयोजन ने पूरे विश्व का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया है।