Khabarnama Desk : राज्य सरकार ने सभी मेडिकल कॉलेजों के विभागाध्यक्षों (HOD) को पांच लाख रुपये का क्लार्पस फंड देने का प्रस्ताव तैयार किया है। यह कदम स्वास्थ्य विभाग ने मेडिकल कॉलेजों की कार्यकुशलता बढ़ाने और सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए उठाया है। इसके तहत प्रत्येक विभागाध्यक्ष के नाम से एक बैंक खाता खोला जाएगा, जिसमें सरकार द्वारा पांच लाख रुपये जमा किए जाएंगे। इस फंड का उपयोग छोटे-मोटे उपकरणों की खरीद, मशीनों की मरम्मत और अन्य आवश्यक कार्यों के लिए किया जा सकेगा।
इस कदम का फायदा यह होगा कि विभाग को छोटे-मोटे कामों के लिए अब पत्राचार नहीं करना पड़ेगा और समय की बर्बादी से बचा जा सकेगा। पहले इन कामों के लिए विभाग को लंबी प्रक्रिया से गुजरना पड़ता था, लेकिन अब फंड मिलने के बाद वे तेजी से कार्य कर सकेंगे।
स्वास्थ्य विभाग ने मुख्यमंत्री चिकित्सा महाविद्यालय और अस्पताल प्रबंधन तथा अनुरक्षण योजना के तहत राज्य के सभी मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों के भवनों के रख-रखाव, संचालन और मरम्मत के लिए एक विभागीय संकल्प निकाला है। इसमें संशोधन का प्रस्ताव भी तैयार किया गया है, ताकि विभागाध्यक्षों को और अधिक स्वतंत्रता मिल सके।
प्रत्येक मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के विभागाध्यक्ष के नाम पर बैंक खाता खोला जाएगा और उन्हें एकमुश्त पांच लाख रुपये का कार्पस फंड दिया जाएगा। इस राशि का इस्तेमाल दवाइयों की खरीद, उपस्कर की मरम्मत, टेलीफोन, कंप्यूटर, प्रिंटर, टेबल, चेयर आदि की खरीद में किया जा सकेगा। किसी एक कार्य के लिए 50 हजार रुपये से अधिक खर्च नहीं किया जा सकेगा। यदि इससे अधिक राशि का खर्चा होता है, तो विभागाध्यक्ष को प्राचार्य या अधीक्षक से अनुमति लेनी होगी।
इस कदम से मेडिकल कॉलेजों में मरीजों का इलाज और सुविधाएं बेहतर होंगी और आम लोगों को इसका सीधा फायदा होगा।