Khabarnama desk : झारखंड में एक बड़े गैंगस्टर अमन साहू को पुलिस ने एनकाउंटर में ढेर कर दिया है। यह एनकाउंटर तब हुआ, जब तीन दिन पहले हजारीबाग में एनटीपीसी के एक बड़े अधिकारी की हत्या हुई थी, और जांच में शक की सुई अमन साहू के गैंग की ओर भी थी।
इस बीच, जब अमन साहू को रायपुर जेल से रांची कोर्ट ले जाया जा रहा था, तो उसकी गैंग ने पुलिस वैन पर बम से हमला कर दिया। हमले के बाद पुलिस ने जवाबी फायरिंग की, और इस मुठभेड़ में अमन साहू मारा गया।
क्या हुआ था एनकाउंटर में?
पलामू एसपी रीष्मा रमेशन के मुताबिक, जब हमला हुआ तो अमन साहू ने मौके का फायदा उठाकर एक पुलिसवाले की राइफल छीन ली और फायरिंग शुरू कर दी। पुलिस ने जवाबी कार्रवाई करते हुए उसे मार गिराया।
अमन साहू कौन था?
रांची के बुड़मु इलाके का रहने वाला अमन साहू 2010 से अपराध की दुनिया में सक्रिय था। उसके खिलाफ 130 से ज्यादा केस दर्ज थे, जिनमें हत्या, रंगदारी, और धमकी भरी फायरिंग जैसे गंभीर अपराध शामिल थे। माना जाता है कि उसका कनेक्शन गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई से भी था।
अब सवाल ये है…
एनकाउंटर पर सवाल उठने लगे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने इस मुठभेड़ की सीबीआई जांच की मांग की है। उनका कहना है कि अगर अमन साहू जिंदा रहता, तो वह कई बड़े राज खोल सकता था।
राज्य सरकार ने मामले की जांच का भरोसा दिलाया है, लेकिन सियासत अब गर्म हो गई है। सवाल यह उठता है कि क्या यह एनकाउंटर सही था या फिर इसे पूर्व नियोजित तरीके से अंजाम दिया गया?