Khabarnama Desk : मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल स्थित सेंट्रल जेल से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जिसने जेल की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। यह घटना बुधवार शाम को हुई जब जेल के पास एक चीन निर्मित ड्रोन कैमरा पाया गया। यह ड्रोन जेल के अंडा सेल के पास, जो कि प्रतिबंधित संगठन पीएफआई के कैदियों का बैरक है, केवल 200 मीटर की दूरी पर पाया गया। इस जेल में खतरनाक आतंकवादियों और अपराधियों को रखा गया है, इसलिए यह घटना और भी ज्यादा गंभीर हो जाती है।
घटना के बाद से अधिकारियों ने तुरंत कार्रवाई शुरू कर दी। डीजीपी, डीजी जेल और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने मामले की जांच शुरू कर दी है। इसके अलावा, खुफिया एजेंसियां भी सक्रिय हो गई हैं और ड्रोन के बारे में जानकारी जुटाने के लिए काम कर रही हैं। गांधी नगर थाना प्रभारी सुरेश फरकले ने बताया कि ड्रोन को कब्जे में लेकर यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि यह जेल के पास कैसे पहुंचा और इसके पीछे किसका हाथ हो सकता है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, जो ड्रोन बरामद हुआ है, वह चीन निर्मित है और उसकी बैटरी पूरी तरह से चार्ज थी। इसमें कैमरे भी लगे हुए थे, जिससे यह और भी संदिग्ध बन जाता है। इस प्रकार के ड्रोन का जेल परिसर में मिलना सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा माना जा रहा है, खासकर जब इस जेल में 69 ऐसे कैदी बंद हैं जिन पर आतंकवाद के आरोप हैं या उन्हें आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने के कारण सजा दी जा चुकी है। इन कैदियों में कुख्यात आतंकवादी भी शामिल हैं, जो सुरक्षा एजेंसियों के लिए विशेष रूप से चिंता का कारण हैं।
जेल की सुरक्षा व्यवस्था पहले ही हाई सिक्योरिटी के रूप में जानी जाती है, लेकिन इस घटना ने इस व्यवस्था की खामियों को उजागर किया है। जेल में ड्रोन का मिलना यह साबित करता है कि सुरक्षा प्रबंधों में कोई न कोई कमी है, जिसे सुधारने की जरूरत है। अधिकारियों ने इस घटना के बाद जेल की सुरक्षा व्यवस्था को और सख्त करने का निर्णय लिया है। अब से जेल के आसपास की निगरानी और चाक-चौबंद की जाएगी, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचा जा सके।
इस घटना के बाद प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हो गई हैं। ड्रोन के जरिए किसी बड़ी साजिश की आशंका को नकारा नहीं जा सकता है। इसका इस्तेमाल जेल में प्रतिबंधित सामग्री पहुंचाने के लिए भी किया जा सकता था। अधिकारियों ने इस मामले की जांच के दौरान हर पहलू से जांच करने की योजना बनाई है, ताकि पता चल सके कि इस ड्रोन का उद्देश्य क्या था और इसके पीछे कौन लोग थे।
यह घटना सेंट्रल जेल की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाती है और यह भी दिखाती है कि आतंकवादी और खतरनाक अपराधी किस हद तक सुरक्षा खामियों का फायदा उठा सकते हैं। अब जेल और आसपास की सुरक्षा व्यवस्था को कड़ा करने के अलावा, पूरे इलाके की निगरानी को भी और सख्त किया जाएगा।