Khabarnama Desk : संसद का बजट सत्र 31 जनवरी 2025 से शुरू हो गया है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने लोकसभा और राज्यसभा के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए सरकार की उपलब्धियों और आगामी योजनाओं का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि भारत तेजी से विकसित अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ रहा है और सरकार का लक्ष्य समावेशी विकास सुनिश्चित करना है। संसद के बजट सत्र का पहला चरण 13 फरवरी तक चलेगा। इस दौरान दिल्ली विधानसभा चुनाव के मतदान के कारण 5 फरवरी को संसद की कार्यवाही नहीं चलेगी। इसके बाद बजट सत्र का दूसरा चरण 10 मार्च से शुरू होगा।
संविधान, श्रद्धांजलि और जनकल्याणकारी योजनाएं
राष्ट्रपति ने कहा कि भारतीय संविधान के 75 वर्ष पूरे हो चुके हैं और बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर समेत सभी संविधान निर्माताओं को नमन किया। उन्होंने महाकुंभ में भगदड़ में हताहत लोगों और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित की।
उन्होंने बताया कि सरकार ने गरीब, महिलाओं और युवाओं को प्राथमिकता दी है। 3 करोड़ परिवारों को घर देने का फैसला हुआ है, और गांवों में 2 करोड़ से अधिक सौमित्र कार्ड जारी किए गए हैं। पीएम किसान सम्मान निधि के तहत 41 हजार करोड़ रुपये वितरित किए गए हैं।
स्वास्थ्य और बुनियादी ढांचे में सुधार
राष्ट्रपति ने आयुष्मान भारत योजना के तहत 70 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्गों को सालाना 5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज देने की घोषणा की। युवाओं के लिए 500 शीर्ष कंपनियों में इंटर्नशिप की व्यवस्था की गई है।
बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 70 हजार करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है। बीते छह महीनों में 17 नई वंदे भारत और एक नमो भारत ट्रेन चलाई गई है। वन नेशन, वन इलेक्शन के लिए भी सरकार प्रयासरत है।
विकसित भारत का निर्माण और आर्थिक सुधार
सरकार का लक्ष्य “सबका साथ, सबका विकास” को आगे बढ़ाते हुए विकसित भारत का निर्माण करना है। स्वच्छ भारत मिशन के तहत 12 करोड़ शौचालय बनाए गए हैं और उज्ज्वला योजना से करोड़ों गरीब परिवारों को गैस सिलेंडर मिला है।
25 करोड़ लोग गरीबी रेखा से ऊपर आ चुके हैं। सरकारी कर्मचारियों के लिए 8वें वेतन आयोग के गठन का निर्णय लिया गया है। मध्यम वर्ग के लिए किफायती घर उपलब्ध कराने के लिए RERA जैसे कानून बनाए गए हैं और लोन पर सब्सिडी दी जा रही है।
महिला सशक्तिकरण और शिक्षा सुधार
नारी शक्ति वंदन अधिनियम के तहत लोकसभा और विधानसभा में महिलाओं को आरक्षण दिया गया है। 10 करोड़ महिलाओं को स्वयं सहायता समूह से जोड़ा गया है, और 1 करोड़ से अधिक “लखपति दीदी” बन चुकी हैं।
शिक्षा क्षेत्र में सुधार के लिए AI और डिजिटल टेक्नोलॉजी को बढ़ावा दिया गया है। मातृभाषा में शिक्षा देने पर जोर दिया जा रहा है, और परीक्षा भी मातृभाषा में हो रही हैं। उच्च शिक्षा संस्थानों की संख्या में वृद्धि की गई है।
स्पेस, विज्ञान और खेल में भारत की प्रगति
मिशन गगनयान के तहत भारत जल्द ही एक अंतरिक्ष यात्री को अंतरिक्ष में भेजेगा। इसरो ने 100 सफल लॉन्च किए हैं और कई उपग्रह स्थापित किए हैं।
राष्ट्रीय स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी की स्थापना की गई है। दिव्यांगों के लिए खेल सुविधाएं बढ़ाई गई हैं, और भारत ने अंतरराष्ट्रीय शतरंज चैंपियनशिप में बेहतरीन प्रदर्शन किया है।
मजबूत अर्थव्यवस्था और डिजिटल इंडिया
कोविड-19 और वैश्विक संकटों के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था स्थिर बनी हुई है। मेक इन इंडिया के तहत बड़े ब्रांड्स ने स्थानीय निर्माण को प्राथमिकता दी है। MSME सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए मुद्रा योजना के तहत लोन की सीमा 10 लाख से बढ़ाकर 20 लाख रुपये कर दी गई है।
भारत डिजिटल भुगतान में विश्व में अग्रणी बन गया है। देश में 50% से अधिक डिजिटल पेमेंट हो रहा है, जिससे छोटे दुकानदारों तक इसका लाभ पहुंच रहा है।
ई-गवर्नेंस और राष्ट्रीय सुरक्षा
डिजिलॉकर के माध्यम से दस्तावेजों की उपलब्धता आसान हुई है। साइबर सिक्योरिटी को मजबूत करने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है और भारत को टियर-1 साइबर सिक्योरिटी स्टेटस प्राप्त हो चुका है।
बुनियादी ढांचे के विकास में रिकॉर्ड निवेश किया गया है। हाईवे निर्माण का बजट 2 लाख करोड़ रुपये से बढ़ाकर 11 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया है। कश्मीर से कन्याकुमारी तक सड़क संपर्क को बेहतर बनाया जा रहा है।
स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार
स्वास्थ्य सेवाओं को किफायती और सुलभ बनाने के लिए 1.75 लाख आयुष्मान आरोग्य केंद्र बनाए गए हैं। कैंसर मरीजों की दवाओं को कस्टम ड्यूटी से मुक्त किया गया है, और 9 करोड़ महिलाओं की सर्वाइकल कैंसर स्क्रीनिंग की जा चुकी है।
मेडिकल कॉलेजों में 75 हजार नई सीटें जोड़ी गई हैं। टीबी मुक्त भारत अभियान को तेजी से आगे बढ़ाया जा रहा है।
कृषि और जल संसाधन प्रबंधन
332 मिलियन टन अनाज उत्पादन के साथ भारत कृषि क्षेत्र में आत्मनिर्भर बना हुआ है। देश दाल, मसाले और दूध का सबसे बड़ा उत्पादक बन चुका है।
बायो फर्टिलाइजर को बढ़ावा दिया गया है। किसान कल्याण के लिए मत्स्य पालन पार्कों की स्थापना की गई है। जल प्रबंधन के लिए 40 हजार करोड़ रुपये की लागत से केन-बेतवा लिंक परियोजना को मंजूरी दी गई है।
जनजातीय विकास और नॉर्थ ईस्ट में बदलाव
राष्ट्रपति ने कहा कि आदिवासी समुदाय के कल्याण के लिए कई योजनाएं शुरू की गई हैं। एकलव्य मॉडल स्कूलों में लाखों बच्चों को शिक्षा दी जा रही है, और आदिवासी इलाकों में 30 नए मेडिकल कॉलेज खोले गए हैं।
नॉर्थ ईस्ट राज्यों में शांति समझौते हुए हैं और विकास कार्यों में तेजी आई है। जम्मू-कश्मीर में धारा 370 हटने के बाद लोकतांत्रिक प्रक्रिया सुचारु रूप से संचालित हो रही है।