Khabarnama Desk : बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने झारखंड सरकार पर कड़ा हमला करते हुए होटवार जेल से फरार कैदी मामले को लेकर प्रशासनिक विफलता का आरोप लगाया है। उन्होंने सोशल मीडिया पर कहा कि पिछले साल बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा के अधीक्षक बेसरा निशांत रॉबर्ट को हटाया गया था क्योंकि उन्होंने जेल में सख्ती बरती थी और “वीआईपी कैदियों” को विशेष मेहमाननवाजी देने से इनकार किया था। मरांडी के अनुसार, एक योग्य और कड़ी मेहनत करने वाले अधीक्षक को हटाने का परिणाम यह हुआ कि जेल अधीक्षक का पद प्रभार में चला गया, और जेलर का पद लंबे समय से खाली पड़ा है। इस स्थिति का परिणाम यह हुआ कि झारखंड में क़ानून का डर पहले ही खत्म हो चुका था, और अब सज़ा का डर भी समाप्त हो गया है।
मरांडी ने रांची जेल में एक आजीवन सजा काट रहे कैदी के फरार होने की घटना को प्रशासन की विफलता की मिसाल बताया और सवाल उठाया कि राजधानी के सेंट्रल जेल में सुपरिटेंडेंट और जेलर का पद लंबे समय से खाली क्यों रखा गया। उन्होंने राज्य सरकार से सवाल किया कि क्या ऐसे प्रशासनिक लापरवाही के कारण कुछ लोगों को वीआईपी ट्रीटमेंट देने के लिए पूरे राज्य को खतरे में डालना उचित है? इसके साथ ही उन्होंने यह भी पूछा कि दरअसल, जेल को कौन चला रहा है, जब प्रशासन के जिम्मेदार पदों पर लोग नहीं हैं।