Army Chief: कितने साल की नौकरी के बाद बनते हैं आर्मी चीफ? कितनी मिलती है सैलरी?

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India Army Chief Salary: भारतीय सेना में आर्मी चीफ पद काफी चर्चा में है, क्‍योंकि अब भारतीय सेना को बहुत जल्‍द ही नया सेना प्रमुख मिलने वाला है. लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी सेना के नए प्रमुख होंगे. आइए जानते हैं कि सेना में आर्मी चीफ बनते कैसे हैं और बनने के बाद उन्‍हें कितनी सैलरी मिलती है?

NDA/ CDS Exam: कौन सी परीक्षा देनी होती है?
भारतीय सेना में अफसर रैंक की नौकरी पाने के लिए नेशनल डिफेंस एकेडमी (एनडीए) और कंबाइंड डिफेंस सर्विसेस (सीडीएस) की परीक्षा देनी होती है. इस परीक्षा में पास होने वाले उम्‍मीदवारों की नियुक्ति आर्मी ऑफिसर के रूप में होती है. यही अफसर आगे चलकर आर्मी चीफ का पद पाते हैं. इन्‍हीं पदों पर प्रमोशन पाकर आर्मी चीफ की पोस्‍ट तक पहुंचा जा सकता है.

सबसे पहले बनते हैं लेफ्टिनेंट (lieutenant)
भारतीय सेना में अक्‍सर टेक्निकल एंट्री स्कीम (TES) कोर्स के तहत वैकेंसी निकलती रहती है. इस स्‍कीम जरिये चयनित होने वाले उम्‍मीदवारों की नियुक्ति लेफ्टिनेंट (lieutenant) के रूप में की जाती है. इनका पे स्‍केल 56000-177500 होता है. इसी पद से आगे के पदों पर प्रमोशन होता रहता है.

  • कैप्‍टन- लेफ्टिनेंट पद पर दो साल की सेवाएं पूरी करने के बाद उम्‍मीदवार का प्रमोशन कैप्‍टन के पद पर होता है. इनका पे स्‍केल 61300-193900 होता है.
  • मेजर- दो साल कैप्‍टन के पद पर रहने के वाले को मेजर के पद पर प्रमोशन दिया जाता है. इनका पे स्‍केल 69400-207200 होता है.
  • लेफ्टिनेंट कर्नल- इंडियन आर्मी में 6 वर्ष तक जो मेजर के पद पर काम कर लेता है. उसका प्रमोशन लेफ्टिनेंट कर्नल के पद पर कर दिया जाता है. इसके तहत 121200-212400 तक वेतन मिलता है.
  • कर्नल (टीएस)-13 साल तक आर्मी मेजर के पद पर कार्य करने पाले को कर्नल (टीएस) के पद पर प्रमोट किया जाता है. इसका पे स्‍केल 130600-215900 होता है.
  • कर्नल- आर्मी में कर्नल (टीएस)को ही 26 वर्ष की सेवाओं के बाद कर्नल बनाया जाता है.
  • ब्रिगेडियर- आर्मी में कर्नल बनने वाला ही आगे चलकर ब्रिगेडियर के पद पर पहुंचता है, हालांकि ब्रिग्रडियर के लिए कुछ सेवा शर्तें होती है. इसकी पूर्ति होने पर ही इस पद पर प्रमोशन दिया जाता है. इसका पे स्‍केल 139600-217600 होता है.
  • मेजर जनरल- आर्मी का मेजर जनरल पद भी काफी अहम माना जाता है. ब्रिगेडियर के पद पर पहुंचने वाला ही आगे चलकर मेजर जनरल बनता है. इसका पे स्‍केल 144200-218200 होता है.
  • लेफ्टिनेंट जेनरल- मेजर जनरल ही प्रमोट होकर लेफ्टिनेंट जेनरल बनाया जाता है. सेना में कई लेफ्टिनेंट जेनरल होते हैं. इसको 182200-224100 का पे स्‍केल मिलता है.
  • सेना प्रमुख या आर्मी चीफ- मेजर जनरल के बाद सबसे आखिरी पद होता है आर्मी चीफ का. यह पोस्‍ट काफी समझदार व काबिल अफसर को दी जाती है. 250000 की फिक्स सैलरी मिलती है. इसके अलावा अन्‍य सुख सुविधाएं भी मिलती हैं.

Army chief selection process: ऐसे होता है आर्मी चीफ का चयन
भारतीय सेना प्रमुख यानि आर्मी चीफ के पद पर पहुंचने के लिए सिर्फ मेजर जनरल का होना जरूरी नहीं है, बल्कि अन्‍य कई तरह की मानदंड होते हैं और इसकी एक चयन प्रक्रिया भी होती है.

  • आर्मी चीफ के चयन के दौरान वरिष्‍ठता क्रम का विशेष ध्‍यान रखा जाता है.
  • – आर्मी चीफ के चयन की प्रक्रिया 4-5 महीने पहले से ही प्रारंभ कर दी जाती है. इसके लिए
    रक्षा मंत्रालय की ओर से लेफ्टिनेंट जनरल की पूरी प्रोफाइल देखी जाती है.
  • – आर्मी चीफ के लिए संभावित उम्‍मीदवार की पूरी डिटेल सर्विस हेडक्‍वार्टर से मंगाई जाती है. जिसमें उम्‍मीदवार की उपब्धियां और उसके अन्‍य अनुभवों को शामिल किया जाता है.
  • -आर्मी चीफ के चयन के लिए एक कमेटी बनाई जाती है जिसका नाम होता अप्‍वाइंटमेंट्स कमेटी ऑफ द कैबिनेट (एसीसी). इसी कमेटी का निर्णय अंतिम होता है. बता दें कि इस कमेटी में प्रधानमंत्री, गृहमंत्री और रक्षा मंत्री शामिल होते हैं.

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चीफ ऑफ आर्मी का कार्यकाल
आर्मी चीफ ऑफ स्‍टॉफ का कार्यकाल तीन साल का होता है. इस पद पर जिस भी उम्‍मीदवार का चयन होता है. वह तीन साल तक अपनी सेवाएं दे सकता है लेकिन अधिकतम उम्रसीमा 62 साल ही रखी गई है. अगर आर्मी चीफ की उम्र 62 साल पूरी हो गई हो, तो वह तीन साल से पहले भी रिटायर हो सकता है.

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FIRST PUBLISHED : June 12, 2024, 11:48 IST

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