Khabarnama desk : झारखंड सरकार सचिवालय अनुदेश में संशोधन करने जा रही है। कार्मिक एवं प्रशासनिक सुधार विभाग ने इस संशोधन का प्रस्ताव तैयार कर लिया है, जिसे विभागीय मंत्री के रूप में मुख्यमंत्री से सहमति भी मिल गई है। इस संशोधन के बाद सचिवालय सेवा के पदों में भारी कमी की संभावना है, जिससे सचिवालय सेवा के अधिकारियों और कर्मियों में आक्रोश पैदा हो गया है।
पद संरचना में बदलाव: वर्तमान में, सचिवालय सेवा में केंद्र सरकार के अनुरूप एएसओ के दो पद पर एक एसओ और दो एसओ पर एक अवर सचिव का पद स्वीकृत है। प्रस्तावित संशोधन के बाद, अब चार एएसओ पर एक एसओ होगा, जिससे एसओ, अवर सचिव, उप सचिव, और संयुक्त सचिव जैसे पदों में कमी आ जाएगी। इस बदलाव से सचिवालय सेवा के अधिकारियों और कर्मचारियों के बीच असंतोष फैल गया है। झारखंड सचिवालय सेवा संघ ने इस मुद्दे पर आंदोलन की रूपरेखा तैयार करना शुरू कर दिया है।
संशोधन की प्रक्रिया: इस प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री की सहमति के बाद, विधि और वित्त विभाग की सहमति प्राप्त होने के बाद इसे कैबिनेट की स्वीकृति के लिए भेजा जाएगा और फिर यह संशोधन लागू कर दिया जाएगा। इसके अनुसार, सचिवालय सेवा के स्वीकृत पदों में लगभग आधी कमी हो जाएगी।
ई-ऑफिस की व्यवस्था: संशोधन प्रस्ताव में ई-ऑफिस की व्यवस्था को भी शामिल किया गया है। इस व्यवस्था के तहत, ई-मेल, व्हाट्सएप आदि से मिलने वाली जानकारी और पत्रों के आधार पर फाइलें खोली जा सकेंगी। इससे सचिवालय में कामकाज को डिजिटल रूप से अधिक व्यवस्थित किया जा सकेगा। फाइलों का निस्तारण ऑनलाइन किया जा सकेगा, और अधिकारी कंप्यूटर पर ही फाइलों को देख कर अपनी टिप्पणी और सुझाव दे सकेंगे।
अन्य महत्वपूर्ण बदलाव: संशोधन में कुछ अन्य बदलावों की भी अनुशंसा की गई है, जैसे कि सचिवालय में रजिस्ट्रार के पदों का उन्मूलन, जो पहले बिहार के समय के सचिवालय अनुदेश में थे, लेकिन अब ये पद व्यवहार में नहीं हैं। साथ ही, उन विषयों को भी डिलीट और संशोधित किया गया है, जो अब अव्यावहारिक हो चुके थे।