Khabarnama desk : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आज आंगनबाड़ी सेविकाओं और महिला पर्यवेक्षिकाओं को स्मार्टफोन वितरित किए। इस अवसर पर उन्होंने कहा, “आपसे किया हुआ वादा आज निभाया गया है। आज आपको स्मार्टफोन मिला है। हालांकि, आप में से कई के पास पहले से ही स्मार्टफोन होगा, लेकिन सरकार की ओर से आज आधिकारिक रूप से आपको यह स्मार्टफोन दिया गया है। बदलते समय में यह जरूरी है कि आप भी तकनीकी रूप से दक्ष हों। इससे आपके केंद्र में चल रही गतिविधियों को रियल-टाइम अपडेट करने में मदद मिलेगी, साथ ही मॉनिटरिंग में भी यह आपकी सहायता करेगा।”
इस कार्यक्रम में रांची और खूंटी जिले की करीब 150 आंगनबाड़ी सेविकाएं, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी और बाल विकास परियोजना पदाधिकारी शामिल हुए।
स्मार्टफोन से आंगनबाड़ी सेविकाओं का काम होगा डिजिटल
स्मार्टफोन के माध्यम से आंगनबाड़ी सेविकाएं पोषण ट्रैकर एप और समर एप का उपयोग कर सकेंगी। पोषण ट्रैकर एप के जरिए गर्भवती महिलाओं, धात्री माताओं और 0-6 वर्ष तक के बच्चों की पोषण स्थिति की निगरानी की जाएगी। सेविकाएं इस एप पर रोजाना आंकड़े दर्ज कर सकेंगी, जिससे कुपोषण को दूर करने में मदद मिलेगी। वहीं समर एप के जरिए गंभीर कुपोषित बच्चों का पंजीकरण और आंकड़ों का डिजिटलीकरण किया जाएगा।
महिला पर्यवेक्षिकाओं को भी मिलेगी सुविधा
महिला पर्यवेक्षिकाएं भी स्मार्टफोन के जरिए इन एप्स का इस्तेमाल कर अपने क्षेत्र की आंगनबाड़ी सेवाओं की निगरानी अच्छे से कर सकेंगी। इससे उनकी कार्यप्रणाली और अधिक प्रभावी होगी। यह पहल झारखंड राज्य पोषण मिशन, समाज कल्याण निदेशालय, JSLPS और यूनिसेफ के संयुक्त प्रयास से की जा रही है।
स्मार्टफोन का उपयोग करने से आंगनबाड़ी सेविकाओं और महिला पर्यवेक्षिकाओं को रियल-टाइम मॉनिटरिंग की सुविधा मिलेगी, जिससे उनका काम कागज रहित (पेपरलेस) और अधिक प्रभावी हो जाएगा। झारखंड सरकार का उद्देश्य है कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और महिला पर्यवेक्षिकाएं आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल कर अधिक से अधिक लाभुकों तक पहुंचे और राज्य को कुपोषण मुक्त बनाने में योगदान दें।