Khabarnama desk : झारखंड विधानसभा सत्र के 19वें दिन बुधवार को मनरेगा के तहत केंद्र पर बकाया राशि 1200 करोड़ रुपये का मुद्दा गरमाया। गांडेय विधायक कल्पना मुर्मू सोरेन ने मनरेगा मजदूरी की दर में कमी और भुगतान में देरी को लेकर सरकार से सवाल किए। उन्होंने बताया कि झारखंड में मनरेगा मजदूरों को अन्य राज्यों की तुलना में 40% कम मजदूरी मिलती है, और यहां के मजदूरों को सिर्फ 235 रुपये प्रतिदिन मिलते हैं। विधायक ने मजदूरी दर बढ़ाने और बकाया राशि के शीघ्र भुगतान की मांग की।
ग्रामीण विकास मंत्री दीपिका पांडेय सिंह ने बताया कि मनरेगा के तहत 484 करोड़ रुपये मजदूरी मद और 647 करोड़ रुपये सामग्री मद का बकाया है, जिसके कारण मजदूरों को समय पर भुगतान में कठिनाई हो रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार लगातार केंद्र से बकाया राशि की मांग कर रही है, और इसमें अधिकारियों की कोई गलती नहीं है।
संसदीय कार्य मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने भी इस मुद्दे पर टिप्पणी करते हुए कहा कि केंद्र सरकार झारखंड के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है, और इस बकाया राशि के कारण राज्य में विकास की गति नहीं बढ़ रही है। उन्होंने यह भी कहा कि चुनाव के दौरान यह अफवाह फैलायी जा रही थी कि राज्य सरकार ने मनरेगा मजदूरों का भुगतान रोक दिया है, जो गलत है।