Khabarnama desk : झारखंड विधानसभा के बजट सत्र के 18वें दिन की कार्यवाही मंगलवार को सुबह 11.05 बजे शुरू हुई। इस दिन, सदन में एक बार फिर निजी स्कूलों द्वारा की जा रही फीस वसूली और री-एडमिशन के नाम पर पैसे मांगने का मामला उठाया गया। हजारीबाग के विधायक प्रदीप प्रसाद ने अल्पसूचित प्रश्न के माध्यम से सरकार से सवाल किया कि निजी स्कूलों की फीस को नियंत्रित करने के लिए क्यों नहीं कानून बनाया जाता। उन्होंने कहा कि ऐसा कोई स्कूल नहीं है जो री-एडमिशन के नाम पर पैसे की वसूली नहीं करता।
चर्चा के दौरान, विधायक प्रदीप प्रसाद के सवालों और शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन के जवाब के बीच नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने भी मंत्री को सुझाव दिया कि सभी उपायुक्तों से पूछा जाना चाहिए कि उन्होंने इस मुद्दे पर कितनी बैठकें की हैं। उन्होंने यह भी कहा कि न्यायाधिकरण और डीसी की अध्यक्षता में कमिटी होने के बावजूद बैठकें कहां होती हैं, यह सवाल है।
विधानसभा अध्यक्ष रवींद्रनाथ महतो ने भी इस मुद्दे पर गहरी चिंता व्यक्त की और कहा कि वर्तमान स्थिति को देखकर यह लगता है कि इस पर कानून बनाना जरूरी है। इसके बाद, शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन ने जवाब देते हुए कहा कि निजी स्कूलों की फीस को लेकर कमेटी का गठन किया गया है, जिसमें उपायुक्त की अध्यक्षता में कमेटी भी है। उन्होंने यह भी कहा कि यदि कमेटी से अनुशंसा मिलती है, तो निश्चित रूप से इस पर कानून बनाया जाएगा।