Khabarnama Desk : रांची के सिरमटोली सरना स्थल के समक्ष फ्लाइओवर के रैंप निर्माण को लेकर रविवार को विभिन्न संगठनों की बैठक आयोजित की गई। बैठक के दौरान दो गुटों में झड़प और धक्का-मुक्की की घटना घटी, जिसमें एक न्यूज पोर्टल की महिला पत्रकार के साथ भी धक्का-मुक्की हुई।
एक गुट ने सरकार के खिलाफ आंदोलन की रणनीति बनाई और सोमवार को मुख्यमंत्री, आदिवासी मंत्रियों और विधायकों की शवयात्रा निकालकर पुतला दहन किया। इस दौरान 21 मार्च को मशाल जुलूस और 22 मार्च को रांची बंद का आह्वान किया गया। प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी कि यदि सरकार समाधान नहीं करती, तो आदिवासी समाज स्वयं रैंप को तोड़ने का कार्य करेगा।
प्रेमशाही मुंडा और अन्य नेताओं ने सरकार की आलोचना करते हुए इसे आदिवासी समुदाय के अधिकारों का उल्लंघन बताया। पूर्व वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने इस आंदोलन का समर्थन किया।
वहीं, केंद्रीय सरना समिति (अजय तिर्की गुट) ने 22 मार्च की बंदी का विरोध करते हुए इसे आदिवासी समाज को गुमराह करने की कोशिश बताया। स्थिति अब भी तनावपूर्ण बनी हुई है, और अगले दिनों में और अधिक आंदोलनों की संभावना जताई जा रही है।