Khabarnama desk : होली का त्योहार रंगों और खुशियों से भरा होता है, लेकिन इस पर्व की शुरुआत होलीका दहन से होती है, जो बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। इस साल, 13 मार्च 2025 को होलीका दहन का आयोजन किया जाएगा। पंचांग के अनुसार, चतुर्दशी तिथि सुबह 10:35 बजे तक रहेगी, जिसके बाद पूर्णिमा तिथि शुरू होगी।
पूजा का शुभ मुहूर्त
होलीका दहन के लिए सबसे शुभ समय रात्रि 11:28 बजे से लेकर 12:15 बजे तक रहेगा। यह समय लगभग 47 मिनट का रहेगा, जिसमें विशेष रूप से दहन करना लाभकारी माना जाता है। इसके अलावा, भद्रा काल सुबह 10:35 बजे से रात्रि 11:26 बजे तक रहेगा, इसलिए इस समय में होलीका दहन से बचना चाहिए।
होलिका दहन का महत्व
होलिका दहन को लेकर मान्यता है कि इस दिन बुराई का नाश होता है और अच्छाई की विजय होती है। इस दिन लोग अपने घरों के आंगन में होलिका की पूजा करते हैं और उसके बाद बुरे समय का नाश करने के लिए लकड़ियों और रंगों को जलाते हैं।
कैसे करें पूजा
होलिका दहन की पूजा के दौरान, लोग अपने घर के आंगन में होलिका की प्रतिमा बनाते हैं और उसका पूजन करते हैं। इसके बाद, लकड़ियों और अन्य जलने योग्य सामग्री को एकत्रित कर होलिका को जलाया जाता है। इस दौरान लोग ‘होली है’ के गीत गाते हुए एक-दूसरे के साथ खुशियाँ बांटते हैं।
तो, इस होली पर, सही समय पर होलीका दहन करें और बुराई के खिलाफ अच्छाई की विजय का उत्सव मनाएं।