Khabarnama Desk : भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने बुधवार को अपनी 100वीं सफल लॉन्चिंग का जश्न मनाया, जिसमें एक नेविगेशन सैटेलाइट को जीएसएलवी रॉकेट के माध्यम से अंतरिक्ष में भेजा गया। यह लॉन्च ना सिर्फ ISRO के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर था, बल्कि नए अध्यक्ष वी नारायणन के नेतृत्व में उनकी पहली सफल उड़ान भी रही। वी नारायणन ने 13 जनवरी 2025 को ISRO के अध्यक्ष का पद संभाला था।
2025 का पहला मिशन ISRO के लिए खास था, क्योंकि यह उनका पहला मिशन था। इस मिशन को NVS-02 नाम दिया गया, जिसे जीएसएलवी-F15 रॉकेट से सुबह 06:23 बजे सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया। यह जीएसएलवी रॉकेट की 17वीं उड़ान थी।
📸 Relive the moment! Here are stunning visuals from the GSLV-F15/NVS-02 launch.
A proud milestone for India’s space journey! 🌌 #GSLV #NAVIC #ISRO pic.twitter.com/RK4hXuBZNN
— ISRO (@isro) January 29, 2025
NVS-02 उपग्रह भारतीय नेविगेशन प्रणाली ‘नाविक’ (NAVIC) का हिस्सा है, और यह भारतीय उपमहाद्वीप और इसके आस-पास के 1500 किमी क्षेत्र में सटीक स्थिति, गति और समय प्रदान करेगा। यह उपग्रह नाविक श्रृंखला का दूसरा उपग्रह है। पहला उपग्रह NVS-01 को 29 मई 2023 में लॉन्च किया गया था।
NVS-02 उपग्रह का वजन 2,250 किलोग्राम है और यह एल1, एल5, और एस बैंड में नेविगेशन पेलोड के साथ-साथ सी बैंड रेंजिंग पेलोड से लैस है। यह पहले के NVS-01 की तरह ही कार्य करेगा।
इस मिशन के साथ, ISRO ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि वह अंतरिक्ष तकनीक में अपने उच्चतम मानकों को बनाए रखते हुए, नई ऊंचाइयों की ओर बढ़ रहा है। यह लॉन्च भारत के लिए एक अहम उपलब्धि है और ISRO की निरंतर सफलता को दर्शाता है।