Khabarnama Desk: बॉलीवुड की जानी-मानी अभिनेत्री ममता कुलकर्णी एक बार फिर चर्चा में हैं, लेकिन इस बार वजह उनकी फिल्मों की वापसी नहीं, बल्कि एक नई आध्यात्मिक राह है। लंबे समय तक विवादों में रहने के बाद और 25 साल के लंबे अंतराल के बाद, ममता कुलकर्णी भारत लौटीं और उन्होंने ऐसा निर्णय लिया जो सभी के लिए चौंकाने वाला है। अब वह किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर बनने के लिए तैयार हो रही हैं।
52 वर्षीय ममता कुलकर्णी ने दिसंबर 2024 में भारत लौटने के बाद कई इंटरव्यू दिए, जहां उन्होंने अपने अतीत और भविष्य के बारे में खुलकर बात की। उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि वह फिल्मों में वापसी नहीं करेंगी। उनकी प्राथमिकता अब आध्यात्मिक जीवन है।
ममता कुलकर्णी ने प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ मेले में हिस्सा लिया। यहां उन्होंने संगम पर पिंडदान किया, जो कि उनके नए आध्यात्मिक सफर की शुरुआत मानी जा रही है। ममता ने इस दौरान किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर बनने का निर्णय लिया।
आपको बता दे की महामंडलेश्वर का पद बहुत बड़ा और जिम्मेदारी भरा होता है। इसे पाने के लिए व्यक्ति को संन्यासी जीवन अपनाना होता है। इसके लिए संत दीक्षा दी जाती है और शास्त्रों का गहन ज्ञान प्राप्त करना पड़ता है। ममता कुलकर्णी ने किन्नर अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी डॉ. लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी और जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर स्वामी जय अम्बानंद गिरी से मुलाकात की। इन मुलाकातों की तस्वीरें सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुईं।
ममता कुलकर्णी ने 90 के दशक में कई हिट फिल्मों में काम किया और दर्शकों के दिलों पर राज किया। लेकिन विवादों के कारण वह अचानक सुर्खियों से गायब हो गईं। अब इतने सालों बाद उनकी भारत वापसी और आध्यात्मिक जीवन अपनाने का फैसला उनके प्रशंसकों के लिए हैरानी भरा है।
ममता का यह कदम यह दिखाता है कि जीवन में कभी भी नई शुरुआत की जा सकती है। बॉलीवुड की चमक-धमक से दूर, उन्होंने एक ऐसा रास्ता चुना है जो त्याग और आध्यात्मिकता से भरा है। उनका यह बदलाव न केवल प्रेरणादायक है, बल्कि यह भी सिखाता है कि सच्ची शांति और संतोष बाहरी दुनिया में नहीं, बल्कि हमारे अंदर है।
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