झारखंड हाईकोर्ट एडवोकेट एसोसिएशन का चुनाव रद्द, बैलेट बॉक्स में गिनती से अधिक वोट मिलने पर विवाद

Nisha Kumari

Khabarnama Desk: झारखंड हाईकोर्ट एडवोकेट एसोसिएशन के द्विवार्षिक चुनाव में बड़ी गड़बड़ी सामने आने के बाद चुनाव को रद्द कर दिया गया। गुरुवार को हुए इस चुनाव में कुल 1409 वोट डाले गए थे, लेकिन मतगणना के दौरान बैलेट बॉक्स में 1509 वोट पाए गए। इस गड़बड़ी के चलते चुनाव पर भारी हंगामा हुआ और रिटर्निंग अधिकारी वरीय अधिवक्ता वीपी सिंह ने चुनाव को रद्द करने की घोषणा की।

मतगणना में गड़बड़ी से शुरू हुआ विवाद

आपको बता दें कि चुनाव प्रक्रिया के दौरान सब कुछ सामान्य रहा, लेकिन मतगणना के समय बैलेट बॉक्स खोलते ही 100 अतिरिक्त वोट पाए जाने पर विवाद खड़ा हो गया। इसे लेकर कुछ अधिवक्ताओं ने आरोप लगाया कि बोगस वोटिंग हुई है। हालांकि, रिटर्निंग अफसर ने विरोध कर रहे अधिवक्ताओं से ठोस सबूत मांगे, लेकिन कोई प्रमाण नहीं दिया जा सका।

वोटों की संख्या में अनियमितता को लेकर विरोध बढ़ता गया और हंगामे में बदल गया। अधिवक्ताओं के बीच बहस के दौरान धक्का-मुक्की हुई। स्थिति इतनी बिगड़ गई कि बैलेट पेपर और कुर्सियां फेंकी गईं। यहां तक कि एसोसिएशन लाइब्रेरी के केबिन का शीशा भी टूट गया।

पुलिस की मौजूदगी के बावजूद हंगामा जारी

विवाद की सूचना पर विधानसभा थाना पुलिस और हटिया डीएसपी मौके पर पहुंचे। पुलिस ने स्थिति नियंत्रित करने का प्रयास किया, लेकिन हंगामा जारी रहा। यहां तक कि जब पुलिस ने घटना का वीडियो बनाना शुरू किया, तो कुछ लोगों ने उनके मोबाइल छीनकर वीडियो डिलीट करवा दिए।

चुनाव में सात पदाधिकारियों और नौ कार्यकारिणी सदस्यों के लिए कुल 78 उम्मीदवार मैदान में थे। मतदान गुरुवार सुबह 10:30 बजे शांतिपूर्ण माहौल में शुरू हुआ। हाईकोर्ट परिसर के एसोसिएशन लाइब्रेरी में बनाए गए दो बूथों पर अधिवक्ताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। मतदान के लिए एडवोकेट एसोसिएशन या बार काउंसिल का प्रमाण पत्र अनिवार्य था, और अधिवक्ताओं को वकील की पोशाक में आना जरूरी था।

चुनाव रद्द किए जाने की रिपोर्ट झारखंड स्टेट बार काउंसिल को भेजी जाएगी। स्टेट बार काउंसिल के पर्यवेक्षक एमके श्रीवास्तव और बालेश्वर सिंह ने चुनाव स्थल पर पूरी घटना को देखा। अब अगली चुनावी प्रक्रिया को लेकर निर्णय स्टेट बार काउंसिल करेगी।

1409 वोटों के मुकाबले बैलेट बॉक्स में 1509 वोट मिलने की घटना ने पूरे चुनाव पर सवाल खड़े कर दिए हैं। इस गड़बड़ी के कारण झारखंड हाईकोर्ट एडवोकेट एसोसिएशन का चुनाव रद्द कर दिया गया है। अब बार काउंसिल की रिपोर्ट के बाद ही आगे की स्थिति स्पष्ट हो पाएगी।

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