सावधान ! कही नकली चायपत्ति की चाय तो नहीं पी रहे आप ?

Nisha Kumari

Khabarnama Desk: चाय हमारे देश में एक ऐसा पेय है जिसे लगभग हर व्यक्ति पसंद करता है। सुबह की शुरुआत हो या दिनभर की थकान, चाय ही राहत देती है। लेकिन क्या होगा अगर आपकी पसंदीदा चाय में खतरनाक मिलावट हो? हाल ही में लखनऊ में यूपी STF और फूड डिपार्टमेंट की छापेमारी में नकली चायपत्ती बनाने वाली एक फैक्ट्री पकड़ी गई, जहां केमिकल और पत्थर मिलाकर चायपत्ती बनाई जा रही थी।

नकली चायपत्ती फैक्ट्री का भंडाफोड़

लखनऊ के फैजुलगंज इलाके में एक फैक्ट्री पर छापा मारकर 10 लाख रुपये की नकली चायपत्ती जब्त की गई। यह चायपत्ती सस्ती क्वालिटी की चाय में रंग और केमिकल मिलाकर तैयार की जाती थी। इसके बाद इसे ब्रांडेड नामों से पैक कर बाजार में बेचा जाता था। फैक्ट्री से 11 हजार किलो नकली चायपत्ती, सिंथेटिक रंग, सैंडस्टोन और कई खतरनाक केमिकल बरामद किए गए।

नकली चाय का स्वास्थ्य पर असर

मिलावटी चाय आपकी सेहत पर बुरा असर डाल सकती है। इसमें मिलाए गए केमिकल और पत्थर शरीर के महत्वपूर्ण अंगों जैसे लीवर, किडनी और दिल को नुकसान पहुंचा सकते हैं। यह कैंसर, एलर्जी, हाइपरटेंशन और पाचन समस्याएं भी पैदा कर सकती है।

चायपत्ती की शुद्धता कैसे जांचें?

1. फिल्टर पेपर टेस्ट: चायपत्ती को गीले कागज पर फैलाएं। अगर धब्बे दिखें, तो यह मिलावटी हो सकती है।

2. रंग और खुशबू: अच्छी चाय हल्की महक और चमकीले रंग की होती है।

3. उबली चाय का रंग: अच्छी चाय का रंग लाल या सुनहरा होता है, जबकि घटिया चाय गहरे भूरे रंग की होती है।

बाजार में नकली चाय कैसे पहुंच रही है?

इस फैक्ट्री के पकड़े जाने के बाद यह सवाल उठा कि बिना जीएसटी और बिल के इतनी बड़ी मात्रा में चायपत्ती बाजार तक कैसे पहुंची। खाद्य विभाग इसकी जांच कर रहा है। यह पता लगाया जा रहा है कि कौन-कौन से डीलर इसमें शामिल थे।

नकली चाय से बचने के उपाय

1. ब्रांडेड और प्रमाणित चाय खरीदें।

2. चाय की क्वालिटी पर ध्यान दें।

3. सस्ती चाय से बचें।

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