Khabarnama Desk:बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बेटे निशांत कुमार ने हाल ही में पटना जिले के बख्तियारपुर में स्वतंत्रता सेनानियों की प्रतिमा पर माल्यार्पण करते हुए अपने दादा के योगदान का जिक्र किया। निशांत ने कहा कि उनके दादा स्वतंत्रता सेनानी थे और उन्होंने आजादी की लड़ाई में हिस्सा लिया था, जिसके कारण उन्हें जेल भी जाना पड़ा था। इसी कारण, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने दादा को राजकीय सम्मान दिया था। यह घटना निशांत के राजनीतिक बयान का हिस्सा है, जिसमें उन्होंने पहली बार सार्वजनिक रूप से अपने पिता नीतीश कुमार के समर्थन में वोट देने की अपील की।
निशांत का यह बयान राज्य की राजनीति में नई चर्चा को जन्म दे रहा है। अब तक राजनीति से दूर रहने वाले निशांत का इस तरह से अपने पिता के लिए समर्थन जताना एक महत्वपूर्ण राजनीतिक संकेत माना जा रहा है। इससे यह सवाल उठ रहा है कि क्या निशांत राजनीति में कदम रखने वाले हैं। हालांकि, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हमेशा वंशवाद की राजनीति से खुद को दूर रखा है, फिर भी निशांत का यह बयान यह दर्शाता है कि वह अब राजनीति में अपनी भूमिका निभाने के लिए तैयार हो सकते हैं।
निशांत का यह बयान बिहार के आगामी चुनावों से पहले आया है, जब राज्य की राजनीतिक गतिविधियाँ तेज हो गई हैं। उनके इस बयान से यह भी संकेत मिलता है कि वह जनता से सीधे जुड़ने और अपने पिता के कामों को सामने लाने के लिए तैयार हैं। अगर निशांत राजनीति में आते हैं, तो इसका असर बिहार की राजनीति और सत्ता संतुलन पर पड़ सकता है।
इस प्रकार, निशांत का बख्तियारपुर में दिया गया बयान बिहार की राजनीति में एक नया मोड़ ला सकता है, और यह देखने वाली बात होगी कि वह भविष्य में क्या कदम उठाते हैं।
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