Khabarnama Desk: बिहार में चुनावी वर्ष के दौरान राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और रालोजपा अध्यक्ष पशुपति पारस के बीच रिश्ते मजबूत होते नजर आ रहे हैं। बुधवार को मकर संक्रांति के मौके पर पशुपति पारस के घर आयोजित दही-चूड़ा भोज में लालू प्रसाद और उनके बड़े बेटे तेजप्रताप यादव ने शिरकत की। इस कार्यक्रम में उनकी उपस्थिति ने राजनीतिक गलियारों में खलबली मचा दी है।
इससे पहले, मंगलवार रात को पशुपति पारस ने लालू और उनकी पत्नी राबड़ी देवी से राबड़ी आवास पर मुलाकात की थी। इस मुलाकात के दौरान उन्होंने उन्हें भोज में शामिल होने का निमंत्रण दिया। अब, राजद और रालोजपा के बीच बढ़ती नजदीकी को लेकर राजनीतिक अटकलें लगाई जा रही हैं, और इसका असर आगामी विधानसभा चुनावों पर पड़ सकता है।
विश्लेषकों के अनुसार, अगर राजद और रालोजपा का गठबंधन होता है तो यह एनडीए के लिए एक बड़ा झटका हो सकता है। पशुपति पारस, जो अब राजनीतिक रूप से अकेले हैं, के लिए लालू यादव का समर्थन महत्वपूर्ण हो सकता है। खासकर जब वे एक प्रभावशाली नेता हैं और उनके पास अच्छे-खासे समर्थक हैं।
इस बीच, पशुपति पारस ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भी इस भोज में शामिल होने का निमंत्रण भेजा है, लेकिन यह देखना बाकी है कि नीतीश कुमार इस निमंत्रण का जवाब कैसे देते हैं। चुनावी वर्ष में एनडीए के भीतर चिराग पासवान की स्थिति भी इस सियासी घटनाक्रम को और दिलचस्प बना सकती है।