Khabarnama Desk : गढ़वा के विश्रामपुर सीट से चार बार विधायक और दो बार राज्य सरकार में मंत्री रहे रामचंद्र चंद्रवंशी ने 14 जनवरी को चुनावी राजनीति से संन्यास लेने की घोषणा की। उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि अब वह आगे कोई भी चुनाव नहीं लड़ेंगे। चंद्रवंशी ने यह भी स्पष्ट किया कि वह भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के निर्देशों का पालन करेंगे और पार्टी द्वारा सौंपे गए किसी भी दायित्व को पूरी निष्ठा से निभायेंगे। साथ ही, क्षेत्र के विकास और जनता की सेवा के लिए वह हमेशा तत्पर रहेंगे।
रामचंद्र चंद्रवंशी ने चुनावी हार और राजनीति के बारे में अपनी सोच साझा करते हुए कहा कि हार-जीत राजनीति का हिस्सा है, और जनता का निर्णय ही सर्वोपरि होता है। उन्होंने यह भी कहा कि राजनीति में कभी सूर्यास्त नहीं होता और वह हमेशा पार्टी के लिए काम करते रहेंगे।
चंद्रवंशी ने 2024 के विधानसभा चुनाव में अपनी हार के कारणों का भी जिक्र किया। उनका मानना था कि बीजेपी उन्हें टिकट दे सकती है, लेकिन उन्होंने पार्टी से आग्रह किया था कि उनके बेटे को विश्रामपुर से चुनाव लड़ाया जाए। हालांकि, पार्टी ने उन्हें ही टिकट दिया। उन्होंने अपनी हार के लिए ‘मंईयां सम्मान योजना’ को जिम्मेदार ठहराया। उनका कहना था कि चुनाव से कुछ दिन पहले 70 हजार महिलाओं के खाते में इस योजना के तहत पैसे भेजे गए थे, जिससे चुनाव में उनका परिणाम प्रभावित हुआ।