नई दिल्ली. अगले साल से चारधाम की यात्रा आसान हो जाएगी. श्रद्धालुओंको बसों में थकाऊ और उबाऊ सफर से राहत मिलने जा रही है. भारतीय रेलवे ने इसका पूरा प्लान बना लिया है. इससे न केवल चारधाम के श्रद्धालुओं को राहत मिलेगी, बल्कि उत्तराखंड के तमाम शहरों की कनेक्टीविटी बढ़ जाएगी. यह रेल लाइन प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट में से एक है और अश्विनी वैष्णव को दोबारा रेलमंत्री बनाए जाने से इस रेलवे लाइन का समय से पूरा होना तय माना जा रहा है.
भारतीय रेलवे के निदेशक इनफॉर्मेशन एंड पब्लिसिटी शिवाजी मारुति सुतार के अनुसार कुल ऋषिकेश से कर्णप्रयाग तक 125 किमी. लंबी रेल लाइन का काम अगले साल पूरा हो जाएगा. इस पूरे रूट पर 105 किमी. ट्रैक टनल पर है. 70 फीसदी से अधिक टनल का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है.
वहीं, श्रीनगर गढ़वाल, गोचर और कालेश्वर में रेलवे स्टेशनों को जोड़ने के लिए मोटर पुलों का निर्माण भी पूरा हो चुका है. यह प्रोजेक्ट देश सबसे अनूठा है, क्योंकि इसमें सबसे लंबी रेलवे टनल बन रही है, जिसकी लंबाई 14.58 किमी. है.
रेलवे के अनुसार ऋषिकेश से कर्णप्रयाग तक 125 किलोमीटर लंबी रेलवे लाइन में 105 किमी. लाइन 16 मुख्य टनल से होकर गुजरेगी. इन टनल के अलावा 12 निकास टनल और क्रास पैसेज भी हैं, जिन्हें मिलाकर टनल की कुल लंबाई 213 किलोमीटर है. इनमें 160 किलोमीटर में खुदाई का काम पूरा हो चुका है. जल्द ही इन टनल में ट्रैक बिछाने का कार्य भी शुरू हो जाएगा. इस रेल लाइन के ट्रैक मेट्रो रेल जैसे बनाए जाएंगे.
यहां से गुजरेगी रेलवे लाइन
ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन देहरादून, टिहरी, गढ़वाल, पौड़ी गढ़वाल, रुद्रप्रयाग और चमोली जिलों से होकर गुजरेगी. रेल लाइन बनने से चार धाम यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं को काफी सुविधा होगी. इसके अलावा स्थानीय लोगों को राज्य के दूरदराज के इलाकों में ट्रेन कनेक्टिविटी की सुविधा मिलेगी. इस तरह लोग ट्रेन से सीध कर्णप्रयाग तक ट्रेन से जा सकेंगे.
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FIRST PUBLISHED : June 12, 2024, 10:44 IST